हो सब तरफ बस भाईचारा और जज़्बा देश प्रेम का मेरा भारत महान। हो सब तरफ बस भाईचारा और जज़्बा देश प्रेम का मेरा भारत महान।
कि फिर कभी उलझने न पाए ओ मेरे हमसफर कि फिर कभी उलझने न पाए ओ मेरे हमसफर
वक्त नहीं है आपस में, और ना दिखता अलगाव । रिश्ते भी ये सोच रहे, ये कैसा स्नेह, लगाव ।। वक्त नहीं है आपस में, और ना दिखता अलगाव । रिश्ते भी ये सोच रहे, ये कैसा...
ये ज़िम्मेदरियाँ मुझे सोने नहीं देती। ये ज़िम्मेदरियाँ मुझे सोने नहीं देती।
मानवता ढलक रही है, इंसानियत भटक रही है। मानवता ढलक रही है, इंसानियत भटक रही है।
हम मिलते थे, दिल खिलते थे, हम इक दूजे पर मिटते थे. हम मिलते थे, दिल खिलते थे, हम इक दूजे पर मिटते थे.