STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Abstract

4  

Dinesh Dubey

Abstract

किस किस को

किस किस को

1 min
8

किस किस को छोडूं ,

किस किस को पकड़ू,

किसको कहूं अपना ,

किसको कहूं पराया ।


किस किस को समझूं,

किस किस को समझाऊं,

किस किस को अपना ,

दिल खोलकर दिखाऊं,।


किस किस से करे प्रेम,

किस किस से करें नफरत,

यहां सबकी होती है ,

अपनी अपनी फितरत,।


किस किस को देखे,

किस किस को ना देखे,

सभी तो मेरी नजरों में,

एक से हैं लगते,।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract