LALIT MOHAN DASH

Abstract Romance Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Romance Inspirational

तुमने मुझे कहा

तुमने मुझे कहा

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तुमने मुझे कहा ये तो बताओ सनम !

ये धूप इतना ठंड क्यों लगता है ?

दर्द सारे मीठा क्यों लगते है ?


हर पल दिल मेरा किसी के इंतजार में

बेताब क्यों रहता है ?

सबकुछ इतना सुहाना क्यों लगता है ?

जैसे की हर दिन होली ! हर दिन दिवाली !

और हर दिन चल रहा है जैसे मौसम ए बहार .......


मैने कहा जानेमन !

तुम सचमुच प्यार में हो

प्यार में किसी के कानून चलता है कहां ?


वो तो अपना कानून चलाता है

धूप को वो छांव में तब्दील कर सकता है

और दर्द को भी मीठा अहसास में ....!


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