भारत की नारी
भारत की नारी
मै भारत की नारी हूँ
संस्कार से भरी हुई
माथे पर सिंदूर चमक रहा
अधरों पर लाली दमक रही
मेरे पति मेरे देव रूप
नित उनकी पूजा करती हूँ
सास ससुर मेरे पिता रूप
उनकी चरण वंदना करती हूँ
मेरे आभूषण मेरी शोभा
नथ झुमका बाला झाला सब
माथे की बेंदी लटक रही
सिंदूर के साथ वो चमक रही ।।
बाजू बंद कमर करधानी
हाशिया टेड़िया से गला भरा
मंगल सूत्र सुहाग मेरा
मै उसकी पूजा करती हूँ ।
जब पायल की छम छम होती है
तब आँगन की शोभा बढ़ती है
हार नौलखा गले पड़ा
बिछुवा पाँव मेरे रहती है ।।
मै नही पहनती जींस पैंट
साडी परिधान मेरी शोभा है
जब घूँघट पति उठाते है
तब लाज से आँखे झुकती है ।।
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