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LALIT MOHAN DASH

Abstract Classics Inspirational

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LALIT MOHAN DASH

Abstract Classics Inspirational

आज सुबह की रिमझिम बारिश में

आज सुबह की रिमझिम बारिश में

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आज सुबह की रिमझिम 

बारिश में

मैं भीग गया


मैं भीग गया , मेरा मन 

भीग गया

और मेरा दिल की तलाब में

खिल उठे हजारों कमल


पहले प्यार की महकी हुई 

यादों में

में विभोर हुआ


आज सुबह की रिमझिम 

बारिश में

यारों ! मैं भीग गया


बारिश में भीगने से 

जो खुशियां

नसीब होता है ,उसे 

जी भर के अहसास किया 


फिर ,मैं बादल बन कर 

ठंडी हवा के साथ

उड़ने लगा 

तेरी खिड़की की ओर

तुझे प्यार में भिगो देने के लिए ......


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