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Atal Kashyap

Abstract

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Atal Kashyap

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किरदार पिता का

किरदार पिता का

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पदवी पिता की 

यूँ हीं नहीं मिल जाती है, 

बनता है जब कोई पिता 

तब यह बात समझ में आती है, 

तुल जाते हैं 


जिम्मेदारीयों की तुला पर, 

परिवार और बच्चों को 

भनक भी नहीं लग पाती हैं, 

कहलाते हैं 


त्याग और सादगी की मिसाल, 

एक जोड़ी चप्पल और 

दो जोड़ी कपड़ों में 

जिदंगी उस शख्सियत की 

गुज़र जाती है, 


रहते हैं पिता भी परेशां 

पर परिवार और बच्चों को 

भनक भी नहीं लग पाती हैं, 

होता हैं कठिन किरदार पिता का 


बालों की सफेदी यही बतलाती है, 

बिना पिता के 

एक बच्चे की दुनिया 

शून्य हो जाती है।


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