पिता
पिता
मैंने जिंदगी को जीते देखा है
एक पिता को करीब से देखा है,
छोटी पगार और बड़े परिवार का
संतुलन बनाते देखा है,
जीवन की अग्नि-परीक्षा में
निखरकर चमकते देखा है,
थकान से चूर हो कर भी
मुसकुराते हुये देखा है,
परिवार की इच्छा पूर्ति की खातिर
खुद से खुद को जूझते देखा है,
बीमार बच्चों की चिंता में
रातों जागते देखा है,
हूँ खुशनसीब कि
ऐसे पिता का बेटा हूँ,
अब तो चाहत नहीं रब की
क्योंकि
रब से आगे
पिता को देखा है ।