धुएं से कर रहे सांसों को बोझिल, ऐसे हत्यारों को प्रकृति देगी सजा। धुएं से कर रहे सांसों को बोझिल, ऐसे हत्यारों को प्रकृति देगी सजा।
बिन आँचल भी उसके मन में बहती ममता की धारा है। बिन आँचल भी उसके मन में बहती ममता की धारा है।
वो इन्सान ही है जो काटता है पेड़, दूषित करता है जल, बिगाड़ता है प्रकृति का संतुलन फिर खुद ही भोगता भी ... वो इन्सान ही है जो काटता है पेड़, दूषित करता है जल, बिगाड़ता है प्रकृति का संतुलन ...
दौड़ती ही रही जिंदगी हर घड़ी, थाम लो अब इसे वक़्त ढाला करो। दौड़ती ही रही जिंदगी हर घड़ी, थाम लो अब इसे वक़्त ढाला करो।
बस यही फासला है आम से खास होने में। बस यही फासला है आम से खास होने में।
कह रही है हर एक धड़कन और ना सता बहुत याद आती है कह रही है हर एक धड़कन और ना सता बहुत याद आती है