Amit Bhatore
Drama
सिर्फ मानव के नहीं होते
प्रकृति के भी होते हैं,
जो छीन लेते हैं सब कुछ
बिना किसी हथियार के,
पेड़ों को काटकर बिगाड़ते हैं
प्राकृतिक संतुलन,
जलाकर अवशेष
धुएं से कर रहे सांसों को बोझिल,
ऐसे हत्यारों को प्रकृति देगी सजा।
फ़िल्म
किताब
वक्त
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सुंदरता को दे...
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ग्रीष्मावकाश
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सच की राह पे ...
फिर बिछड़ जाने का सोच कर आंसूओं से तर आँखें भीगती रही। फिर बिछड़ जाने का सोच कर आंसूओं से तर आँखें भीगती रही।
लोगों की खुशी में खुशी मेरा व्यवहार हैं तू जानती हैं माँ तेरा बेटा बॉर्डर का पहरेदार लोगों की खुशी में खुशी मेरा व्यवहार हैं तू जानती हैं माँ तेरा बेटा बॉर्डर का...
मुक्ति दिलाई उन्होंने अंग्रेजों से हम मुक्त होकर दिखाए दुर्गुणों से। मुक्ति दिलाई उन्होंने अंग्रेजों से हम मुक्त होकर दिखाए दुर्गुणों से।
ऐसी ही मिशालें देते हुए हम यारों को, दुनियां में चार मिलते हैं। ऐसी ही मिशालें देते हुए हम यारों को, दुनियां में चार मिलते हैं।
जहां रहने की तमन्ना हर मुसाफिर करता है वो हमदम मेरा हमसे इश्क़ करता है। जहां रहने की तमन्ना हर मुसाफिर करता है वो हमदम मेरा हमसे इश्क़ करता है।
अब तक समझ ना पाया कोई, इससे क्या रिश्ता हमारा है ? अब तक समझ ना पाया कोई, इससे क्या रिश्ता हमारा है ?
पन्द्रह अगस्त क्या है बताओ हाथ दिल पै रख हुजूर एक झूठी जीत का अहसास ही तो है। पन्द्रह अगस्त क्या है बताओ हाथ दिल पै रख हुजूर एक झूठी जीत का अहसास ही तो है।
सभी जाति धर्मों वाले हैं, सबका भारत एक है। ऐसा प्यारा देश है मेरा, प्यारा भारत देश ह सभी जाति धर्मों वाले हैं, सबका भारत एक है। ऐसा प्यारा देश है मेरा, प्या...
तो इसे लिख भी लेता हूँ, तुम पढ़ कर बताना, के मैं कैसा लिखता हूँ। तो इसे लिख भी लेता हूँ, तुम पढ़ कर बताना, के मैं कैसा लिखता हूँ।
इसीलिए हर सबेरे आंखों से सुनकर कानों से देख़ती हूं मैं उन्हें। इसीलिए हर सबेरे आंखों से सुनकर कानों से देख़ती हूं मैं उन्हें।
सखी री मोहे, पीयू तड़पावे निर्मोही को ,हमरी ,याद न आवे! सखी री मोहे, पीयू तड़पावे निर्मोही को ,हमरी ,याद न आवे!
वे उसकी जान बचा सकते थे, सभी महिलाओं को एक बेहतर जीवन दे सकते थे। वे उसकी जान बचा सकते थे, सभी महिलाओं को एक बेहतर जीवन दे सकते थे।
अहा बारिश किस से पूछूं ? क्या तुमसे पूछूं क्यों ? अहा बारिश किस से पूछूं ? क्या तुमसे पूछूं क्यों ?
हर रोज क्यूँ जलते हो, कैसे किसान हो भाई, ग़म की फ़सल बोते हो ! हर रोज क्यूँ जलते हो, कैसे किसान हो भाई, ग़म की फ़सल बोते हो !
बाट जोह रही मातृत्व का सुख पाने को तेरी देवकी मैया प्यारी। बाट जोह रही मातृत्व का सुख पाने को तेरी देवकी मैया प्यारी।
उठा लिया जब व्रत उद्धार का ले आऊंगी संसार में प्रलय भी। उठा लिया जब व्रत उद्धार का ले आऊंगी संसार में प्रलय भी।
कोई सुराग मिले तो राह पकड़ लूं उसकी वह हवा का झोंका था मुझे छूकर गुजर गया। कोई सुराग मिले तो राह पकड़ लूं उसकी वह हवा का झोंका था मुझे छूकर गुजर गया।
हर रोज यहां नफ़रत कि आग में जलते जा रहें हैं लोग। हर रोज यहां नफ़रत कि आग में जलते जा रहें हैं लोग।
तू गहरी है ज़ख्मों पर जैसे ज़ख्म, तू सुकून है कभी आस की मै तो बस यह कहूं। तू गहरी है ज़ख्मों पर जैसे ज़ख्म, तू सुकून है कभी आस की मै तो बस यह कहूं।
रवि किरणें जब चुमेंगी, दमक उठेगा गात ये रवि किरणें जब चुमेंगी, दमक उठेगा गात ये