STORYMIRROR

Anjali Sharma

Drama

3  

Anjali Sharma

Drama

कदम

कदम

1 min
422

हर दिन एक नया तोह्फा

हर सुबह में नई शुरुआत

हर दोपहर एक नई चुनौती

हर शाम कुछ नया कर जाने के नाम


एक छोटा कदम ले जाए नए सफर की ओर

बस आज एक कदम, छोटी सी पहल

हर क्षण है मौका आगे बढ़ने का,

मत गंवा एक भी खूबसूरत पल।


हर वक़्त है सही वक्त

बस तू घर से निकल जा

तूफानी रातों में बस आगे तू बढ़ जा,

ख्वाब देखे रातों में,


अब खुली आँखों से पूरा कर जा

मिल जाएगी मंज़िल भी

पहले नए किरदार में तो ढल जा

बीता उसे भुला, नए अंदाज़ में बदल जा


बाल गोपाल लेते हैं नन्हे नन्हे कदम

लड़खड़ाते, गिरते संभलते हैं

मगर नहीं छोड़ते कोशिश

सोते जागते उठते बैठते बस एक ही मुहिम


चलते रहते हैं नन्हें पैर

जब तक न पा लें संतुलन

बस हौसला और कोशिश

और बिना रूके चलते रहने का साहस

बस इतना ही फासला है आम से खास होने में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama