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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Inspirational

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Drama Inspirational

रक्षा बंधन

रक्षा बंधन

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नहीं है ये रीत दिखावे की मोहताज रक्षाबंधन।

सभी भाई बहनों के सिरों का ताज रक्षाबंधन।

चला आ रहा कई सदियों से ये पावन त्योहार।

सभी त्योहारों का बना है सरताज रक्षाबंधन।


कहीं भी हों भाई बहन पास लाता रक्षाबंधन।

पवित्र कच्ची डोर से है बाँध पाता रक्षाबंधन।

बहन और भाई के बंधन का है पावन त्योहार।

भाईयों से बहन का प्यार बन जाता रक्षाबंधन।


कच्चे धागे का पक्का बंधन त्योहार रक्षाबंधन।

सच्चे रिश्ते के अमोल मोती का हार रक्षाबंधन।

तोड़ने से भी कभी न टूटे यह है सूत्र बंधन का।

बहन भाई के रिश्ते का सुंदर श्रृंगार रक्षाबंधन।


भाई बहन से दूर होते हुए भी निभाता रक्षाबंधन।

परदेस से दोनों को प्रीत निभाने लाता रक्षाबंधन।

मीलों का अंतर कुछ नहीं है इस संबंध के बीच।

कुछ करने से न घबराते जब यह आता रक्षाबंधन।


कच्चे धागे की बहुत पक्की रीत है ये रक्षाबंधन।

एक ही कोख से बंधे नातों की प्रीत ये रक्षाबंधन।

जग में सबसे सुंदर है यह अनोखा प्यारा दिवस।

मधुर सी ध्वनि सा है बजता संगीत ये रक्षाबंधन।


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