राखी का त्योहार
राखी का त्योहार
भाई बहन से दूर होते हुए भी, यह निभाता।
परदेस से प्रीत की रीत निभाने, यह लाता।
कुछ नहीं है इस संबंध में, मीलों का अंतर।
कुछ करने से न घबराते हैं, जब यह आता।
नहीं है यह रिश्ता, दिखावे का मोहताज।
है सभी भाइयों बहनों के, सिरों का ताज।
कई युगों से चला आ रहा, पावन अवसर।
बन जाता है, सभी त्योहारों का सरताज।
कहीं भी हों भाई बहन, समीप सा है लाता।
पवित्र कच्ची डोर से यह, बांध सा है पाता।
दोनों के स्नेह का, राखी का त्योहार है अमर।
भाईयों से बहनों का प्यार, बन सा है जाता।