उनकी बात
उनकी बात
मन कर रहा है आज मैं वो बात लिखूं,
तुझसे जुड़ी हर वो याद लिखूं।
तेरा दूर होना मेहेज नजर का धोका है,
जो सपनो में हुई मैं वो मुलाकात लिखूं।
तेरी खुशबू अभी भी मुझमें बिखरी है,
तेरे आवाज में आज मैं वो साज लिखूं।
मेरे तैयार होने पे तेरा आईने के सामने होना,
मेरी तारीफ में तेरे आंखों का वो अंदाज लिखूं।
वो हाथों में हाथ डाल संग चलना तेरा,
तुझसे शुरू हुई कहानी का मैं वो आगाज़ लिखूं।
वो ठंडी रेत पे तेरे मेरे पैरो के निसान होना,
खामोशियों में बीती मैं वो रात लिखूं।
वो तेरे नाराज़ होने पे मेरा डर जाना,
मेरे आंखों में आए आंसुओं का मैं वो राज लिखूं।
तेरे चेहरे पे वो मुस्कुराहट देख,
वो शाम संग बिताई उसमे मैं वो छलका जाम लिखूं।
तेरी बाहों में मिले उस सुकून से,
मेरी उन झुकी पलकों के मैं वो हालात लिखूं।
क्या तेरे मेरे दरमिया वो दूरी अब मायने भी रखती है
मेरी हर दुआ में निकली मैं वो फरियाद लिखूं।
तुझसे मिल कर जिंदगी फिर से जीने को जी चाहता है
आज मैं तुझसे हुई मोहब्बत की हर वो बात लिखूं।