आज़ादी
आज़ादी
अपनी आज़ादी की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है मैंने ,
चंद रास्ते वो गलियां भुलाई है मैंने।
इस मतलबी दुनिया में अकेले रहना ही मुकम्मल है जाना,
उन रिश्तों पे यकीं कर उनकी कीमत चकाई है मैंने ।
किसी के साथ होना बेशक अच्छा होता है,
उसे अपना सब कुछ दे वो बेवफाई पाई है मैंने ।
रो रो कर दिल कुछ भर सा गया था,
आंखों का दरिया सुखा वो आग लगाई है मैंने ।
दिल का हाल जानने का दावा मत करना तुम जाना,
तुम्हारे इंतजार में कितनी रातें अकेले बिताई है मैंने ।
डर लगता था कभी तन्हा चलने से जाना,
तेरी बेरुखी देख महफ़िल में वो दास्तां सुनाई है मैंने ।
अब नही सोचती मैं कुछ करने से पहले,
वो आईने में खुद को देख पलके झुकाई है मैंने ।
जानती हूं बहुत कुछ पीछे छूटा है,
अपनी आज़ादी की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है मैंने ।