क्या बोलूं
क्या बोलूं
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
क्या बोलूं ....?
प्यार से भरोसा है उठा दिया .....।
चांद तारों की बातें करके
इसी जमीन पर छोड़ दिया ,
क्या बोलूं ....?
प्यार से भरोसा ही उठा दिया ....,
उसने इतना मुझे रुला दिया .....।
जो हाथ कभी उसके लिए दुआ करती थी ,
आज भी करते है .....,
भले उसने दगा दिया ,
पर मैंने नहीं दिया......।
क्या बोलूं ....?
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
ऐतवार से भरोसा ही उठा दिया ...।
कितनी रातें जगा कर ,
प्यार की बातें करके ,
आज आंखों से नीद हीं चोरा लिया ......
क्या बोलूं ....?
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
इस्क से भरोसा ही उठा दिया .....।
मुझे अकेला ना छोड़ रे वादे करने वाले ,
आज बीच राहों में अकेला कर दिया .....
क्या बोलूं ....?
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
प्यार से भरोसा ही उठा दिया .....।
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
क्या करूं .....?
फिर भी ये दिल उसके लिए दुआ करे ,
उसकी खुशी की फरियाद करे ,
ना जाने कितने मन्नते करें......।
क्या बोलूं ....?
जीवन में रोशनी भरने की वादे करके ,
उसने चारो और अंधेरा ही भर दिया ...,
क्या बोलूं,
उसने इतना मुझे रुला दिया ,
प्यार से भरोसा ही उठा दिया ....।