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Priyadarsini Das.

Tragedy

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Priyadarsini Das.

Tragedy

फिर भी तू ना आया

फिर भी तू ना आया

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आज फिर से दिन निकल गई 

तेरी राह देख ते देख ते

फिर भी तू ना आया ....।


ना जाने कितने सपने मैने 

सजाए थे पलको पे

की तू आएगा 

तो कितने बातों कि बरसात होगी

पर फिर भी तू ना आया .....।


मन में आश थी

दिल में विश्वास थी

की तू आएगा

पर फिर से शाम ढलने लगी

फिर भी तू ना आया ......।


मुझे क्या पता था

तू भी गैरों की तरह ही है

जो वादे तो हजारों करते है

पर निभाते कुछ नहीं ...


आज फिर दिन निकल गई

तेरे राह देख ते देखते

पर फिर भी तू ना आया

फिर भी तू ना आया ....।


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