मासूम
मासूम
मासूम होना गलत नहीं ,
सच तो ये है
मासूम होना आसान भी नहीं है .....।
किसी मासूम के चेहरे को देखो
तो पता चलेगा
मासूम होते कैसे .....।
कभी एक बच्चे को देखो ...
उसकी भोली सी आंखो में देखो ...
उसकी नादान हरकत को देखो ....
उसकी बिना समझ के बातों को सुनो .....
ये तो होती है सच्ची मासूमियत .....।
ना उनके मन कोई मैल है
ना किसी के लिए ईर्षा ,
ना अहंकार ...
सिर्फ होता है तो
वो है मासूम सी खुशी ...।
उन मासूमियत को पहचान
की देरी है ....।
अगर हम भी
अपना ले वो मासूमियत को
अपने अंदर
कितना अच्छा होता वो मासूम सा ज़िन्दगी .....।