अपना घर नहीं संभलता कश्मीर पाने को मचलता अपना घर नहीं संभलता कश्मीर पाने को मचलता
इंसान तो काट लेता भी है ओर खून चूमता भी है इंसान तो काट लेता भी है ओर खून चूमता भी है
वह साथ यूं निभाता, हालात मेरे समझता है, मेरी कदर करता है, परिवार बनकर। वह ख्यालों में रहता है,... वह साथ यूं निभाता, हालात मेरे समझता है, मेरी कदर करता है, परिवार बनकर। वह ...
दुनिया की परवाह अब इसको ना होती ये हर अंग से तेरा सखा बन गया है। दुनिया की परवाह अब इसको ना होती ये हर अंग से तेरा सखा बन गया है।
अरे नाजायज़ होगा अरे नाजायज़ होगा
दूरियों को नहीं इजाज़त है तो है दूरियों को नहीं इजाज़त है तो है