रोशनी एक नजरिया
रोशनी एक नजरिया
मेरी नजर से तुम देखो तो रोशन हर नजारा है।
एक बार सोचकर देखो हर तरफ "रोशनी का कारवां" तुम्हारा है।
नजरों को नही बदल सकता बदलना तुम्हारा नजारा है।
खुद को अकेले रहकर सजा दे रहे इतना दोष तुम्हारा है।
दे कोई साथ जीने का तुम उसका वो तुम्हारा सहारा है।
तुम मेरी आँखें मैं तुम्हारी रोशनी यही संगम हमारा है।
तुमसे हर सुबह एक नई रोशनी हर शाम एक नया नजारा है।
इसमें दोष अंधेरे का ना किस्मत का ना तुम्हारा है।
जी लो अपनी जिंदगी दो खुआइशों को उड़ान ये पायलेट तुम्हारा है।
है ज्ञान का प्लेन तुम्हारे पास अब सारा आसमान तुम्हारा है।
पायलेट कम असिस्टेंट कम स्टूडेंट ज्यादा बनेगा दीवाना तुम्हारा है।
मैं बनूँगा तुम तुम बनोगे मैं हम से रौशन जिन्दगी का नजारा है।