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Lovelesh Nirmala Devi Gurjar

Tragedy

2.9  

Lovelesh Nirmala Devi Gurjar

Tragedy

एक लम्हा ऐसा भी

एक लम्हा ऐसा भी

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दिलों को खिलौनों की तरह खेलने का शोर भी होता है हमारी फीलिंग्स को चुराने वाला चोर भी होता है ये पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है बो कोई और नहीं जिसे हम अपना सब कुछ समझ लेते है और उसे अपनी सारी फीलिंग्स दे देते है सिर्फ एक विश्वास पर लेकिन वो उसी विश्वास का पूरा पूरा फायदा ले रहा होता है ये आज पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है चोर की कोई फीलिंग्स नहीं होती वो हर हाल में चोर होता है जब कोई एक पल में चूरा लेता है सारे सपने हमारे तब कहाँ कोई शोर होता है जिंदगी में जब भी हमे प्यार होता है बस प्यार होता है और हम उसी प्यार की भाषा समझते है तब चोर बहोत आसानी से हमसे हमारी ही भाषा मे दोस्त बनकर हमारी जिंदगी में आरहा होता है । ये पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है ये सील सील युही चलता रहेगा चोर आते रहेंगे और हमी से हमी को चुराते रहेंगे चोर का कोई ईमान नहीं ं चोर का कोई धर्म नहीं चोर का तो बस कर्म होता है।

वो अपना कर्म करता रहता है पर क्या दूसरों की फीलिंग्स को चुराना भी कोई कर्म होता है ये आज पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है चोर बस चोर होता है जो सिर्फ मेरे या आपके शहर में नहीं हर शहर हर गली गांव चौराह

े पर होता है चोर बस चोर होता है इस पर कहां किसी का जोर होता है जब दिल टूटता है तो कहां इसका शोर होता है हमे तो इसकी खबर ना थी हम तो यही समझते थे अब तक कि चोर पैसे सोना चांदी चुराता है हमे तो आज पता लगा कि फीलिंग्स को चुराने वाला भी कोई चोर होता है ये पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है चुराए भी तो क्या एहसास हमारे सपनें हमारी चाहतें हमारा प्यार करने का जूनून हमारी हसरतें हमारी उमंगे हमारी तरंगे हमारी लहरें हमारी सोच हमारे जस्बात क्या करेगा चोर इसको चुराके ये वो लम्हे है वो सपने है जो हम किसी को अपना समझकर उसके बारे में सोचकर देखते है नहीं ये पहली बार नहीं हुआ है में एक नहीं हूँ ये ना जाने कितनों के साथ होता है हर कोई सह नहीं पाता हर कोई कह नहीं पाता हर कोई लिख नहीं पाता में कोई लेखक नहीं में वही लिख रहा हूँ जो मेरे साथ हुआ है पर कहाँ इसका जिक्र होता है हम जब तक ये इन्कलाब नहीं लाते चोर बेफिक्र होता है वो अकेला चोर नहीं उसके जैसे चोरों का झुंड होता है ये पहली बार नहीं हुआ है ये हर दौर में होता है अब समय नहीं है खामोश रहने का क्योंकि कोई अगला उनका फिर शिकार होता है क्या ऐसा भी प्यार में होता है क्या ऐसा भी प्यार में होता है।


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