लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे। लालबती जलती हे फिर घर घर पूजा घर में शाम और सवेरे।
जो दिल हमने तुझपे हारा न होता। जो दिल हमने तुझपे हारा न होता।
सोचने को मजबूर है, जब रब भेदभाव नहीं करता अपने बंदो से, फिर क्यों ? सोचने को मजबूर है, जब रब भेदभाव नहीं करता अपने बंदो से, फिर क्यों ?
तू ही तो मेरा मनमीत है प्यार से रोशन दिया जलाये और काली रात के उजालों में तू है तू ही तो मेरा मनमीत है प्यार से रोशन दिया जलाये और काली रात के उजालों में तू ह...
ऐसा बेमिसाल आग़ाज़ हुआ है जिसने हर लम्हा खूबसूरत कर दिया है। ऐसा बेमिसाल आग़ाज़ हुआ है जिसने हर लम्हा खूबसूरत कर दिया है।
बहुत ही खूबसूरत है ये प्रकृति का नज़ारा इसमें समाया है जन्नत का हर एक नज़ारा। बहुत ही खूबसूरत है ये प्रकृति का नज़ारा इसमें समाया है जन्नत का हर एक नज़ारा।