ज़िद्दी दिल
ज़िद्दी दिल
अग़र ये ज़िद्दी दिल हमारा न होता
तो तुझसे ही इश्क़ दोबारा न होता
तुझे सदियों से तलाशती न आँखें
इन नज़रों का तू ही नज़ारा न होता
गुजर जाते हम भी औरों की तरह
अग़र तेरी यादों ने पुकारा न होता
तुझे ग़ुरूर न होता इतना जाना
जो दिल हमने तुझपे हारा न होता।