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IAM RAAJ

Abstract

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IAM RAAJ

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सोलह श्रृंगार

सोलह श्रृंगार

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चम चम चमके माथे 'टिकुली' सोहे

होकर खड़ी बीच पिया को जोहे !


कुँवार रेख सुहागन माँग भरा 'सेनूर'

कहे जोड़ी बनी रहे पिया न हों दूर !


ई 'कज्जल' नैनन जादू की पिटारी

नजर उतारे लुकछिप पिया निहारी !


रंग 'मेंहदी' का गाढ़ा देवैं असीस

दिन दूनी रात बढ़े पिया की प्रीत !


लाल पियरी जरी 'शादी का जोड़ा'

पिया हौले दौड़ाओ नयन का घोड़ा !


'गजरे' से हैं केश-बाग़ महके महके

पिया थमो अभी न रहो बहके बहके !


माँग बीच टिका 'माँग-टीका' कहे

पिया संग संग रहूँगी सीधी राह पे !


'नथ' नाक सजाकर नववधू इतराये

पिया का स्वास्थ्य धनधान्य बढ़ाये !


कर्णों में सूनर सूनर 'कर्णफूल'

पिया घर बुराई न सुनूँ करुँ भूल !


गले 'मंगल हार' पुकार देवे वचन

पिया रहेगा तेरा ही ये तनमन !


 कस कर बंद 'बाजूबंद' बाँहों में

पिया गृह धन-रक्षा बुरी चाहों से !


चूड़ी-कंगन खनखन करें जान के

पिया निभे सौभाग्य-परंपरा शान से !


 प्रेम विश्वास की प्रतीक मुद्रिका

पिया बनने न दूँ अविश्वास छिद्रिका !


घुँघरू वाली 'कमरबंद' कमर में

पिया स्वामिनी मैं कहे फिरे घर में !


शक्ति भरे पैरन के बिछुआ अरसी 

 देखूँ पिया इनमें चुपके जब मैं तरसी !


पायल की छन छन सुमधुर ध्वनि

पिया कहाँ जाऊँ मैं तोहरे लिए बनीं।


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