अपनेपन का भाव
अपनेपन का भाव
ईश्वर ने सोच विचार कर
रचा अपनेपन का भाव
जहां उसका अस्तित्व है
वहां और न कोई प्रभाव
जहां कहीं प्रबल रहता
अपनत्व का अहसास
वहीं सचमुच परिवार के
भाव का होता है प्रकाश
सब लोग मिल जुलकर रहें
बांटें सुख व दुख दिन रात
मेरा परिवार सुखद रहे यह
भाव तभी तीव्र होंगे साक्षात।