सुनती हो सबके मन की मैया
सुनती हो सबके मन की मैया
सुनती हो सबके मन की
मैया जग में तुम विख्यात
ब्रह्मा, विष्णु और शिव भी
तुम्हरे यश के साखी साक्षात
जग गाता रहता है हर बरस
मां तेरे बड़े बड़े करामात
सुनती हो सबके मन की
मैया जग में तुम विख्यात……
जीवन नैया डगमग मेरी
भारी विपदा आन पड़ी है
सभी तरह से मेरे लिए ये
अग्निपरीक्षा सम कड़ी घड़ी है
शीघ्र सुधारों मां मेरे जीवन
के सभी प्रतिकूल हालात
सुनती हो सबके मन की
मैया जग में तुम विख्यात,,,,
ना जानूं मैं कर्मकांड और न
ही विधि विधान का ज्ञान
भावी और प्रारब्ध की दशा
दिशा से बिल्कुल मैं अज्ञान
शरण तुम्हारी आया माता
रख दो दोऊ कर मेरे माथ
सुनती हो सबके मन की
मैया जग में तुम विख्यात,...
संकट मेरा कर सकती है
मां तू कुछ ही दिनों में दूर
तेरी कृपा से जीवन में मेरे
खुशियां आ सकतीं भरपूर
तुझे शपथ है मां ममत्व की
हर सब दुख, क्लेश, संताप
सुनती हो सबके मन की
मैया जग में तुम विख्यात…