ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
पूछे अगर कोई तुमसे तुम्हारी जिन्दगी क्या है
तो रखना हथेली पर जरा सी खाक और उसको उड़ा देना
कितना भी प्यार कर ले कोई इस जिन्दगी के साथ
यह जिन्दगी वफ़ा न करेगी किसी के साथ
जिन्दगी एक ऐसा नगमा है जादू भरा
जिसको पत्थर के होंठों पे रखा गया
जिन्दगी नाम रख दिया किसने मौत का इंतजार है दुनिया
जिन्दगी तो सफर है एक किराए का घर है एक न एक दिन बदलना पड़ेगा ही
मौत जब तुझको आवाज देगी तो घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा।