जिन्दगी कुछ पल की है
जिन्दगी कुछ पल की है
जिन्दगी कुछ पल की है क्यों न इसको मुस्कुरा के जियो
यहाँ चंद मिनटों में जिंदगी गुजार जाती है
फिर क्यों ना सब गीले शिकवे भुला के जीए
जब इंसान ही नहीं रहेगा तो उसकी गलतियों का क्या करोगे
भूल जाते है सब माफ करते है एक दूसरे को
चलो जिन्दगी के हर पल को मुस्कुरा के जीते है
