मन की बात कह नहीं पाते है
मन की बात कह नहीं पाते है
कई बार हम अपने मन की बाते कह नहीं पाते है ।
कई बार मन में ऐसा कुछ चल रहा होता है की किसी से कुछ भी कह नहीं पाते है ।
मन की उथल पुथल किसी को बता नहीं पाते है।
दूसरों को समझा रहे होते है या खुद को ।
कुछ समझ नहीं पाते है ,कहने को बहुत कुछ होता है पर कह नहीं पाते है ।
एक अजीब खामोशी मायूसी चेहरे पर आकर छा जाती है ,
लेकिन हम अपने उस हाल को दिखाना नहीं चाहते ।
इसलिए पता नहीं क्या क्या बोलते रहते है और न जाने कैसी कैसी बाते पर हँसने लगते है ।
कभी कभी यू ही परेशान हो जाते है दिल की बाते दिल में ही रह जाती है ।
कहने को बहुत कुछ होता है पर कह नहीं पाते ।
सच में मन की बात कहना बहुत मुश्किल होता है ।
