मैं तो प्रकृति सबसे निराली हूं
मैं तो प्रकृति सबसे निराली हूं
ये खूबसूरत सुहानी शाम
ये हवा में सरसराहट
ये चिड़ियों की चहचहाट
कुछ कहती हैं सुनो
ये खिलखिलाते धूप
ये खिलखिलाते फूल
ये बिन मौसम और मौसम की बारिश में नाचते हुए मोर कुछ कहते है सुनो
ये नदिया और नदियों का बहता पानी
ये मौसम की हलचल का शोर कुछ कहते है सुनो
ये प्रकृति बहुत कुछ कहती है सुनो
ये प्रकृति कहती है
सुनो में खूब हरी भरी हरियाली हूं
हजारों रंग बिखरे मुझमें
में तो प्रकृति सबसे निराली हूं
में रंग बिरंगे रूप दिखा सब का मन बहलाती हूं
मैं शीतल हवा में चलती हूं चैन की नींद सुलाती हूं.
