सच कभी छुपता नहीं
सच कभी छुपता नहीं
अक्सर लोग समझते हैं
किसी का दिल दुखा कर
किसी को धोखा देकर,
किसी के जज्बात से खेल कर
किसी को रुला कर,
वह अच्छा काम कर रहे हैं।
इंसान को यह सब करके
न जाने क्या मिलता है।
उस वक्त शायद इंसान खुश होकर
यह समझता है के क्या फर्क पड़ता है।
लेकिन सच तो यह है एक न एक दिन
सच पता लग ही जाता है।
वह क्या है ना,
क्या किया है तुमने एक अच्छे दिल के साथ
सबको समझ आ ही जाता है।
वो अपने तो सुना ही होगा ....
वो एक कहावत है ना झूठ 100 दिन से
ज्यादा नहीं छुपता,
और सच कभी छुपाया नहीं जा सकता।
क्या है ना यह बात भी है की बेशर्मों को
इस बात से कोई फर्क ही क्या पड़ेगा
लेकिन तुम सोचना तुमको आखिर
मिला क्या किसी को धोका देकर
देकर किसी का दिल दुखा कर .......
कुछ मिल भी गया तो आखिर
कितने दिन तक और कब तक के लिए ?
सोचना जरूर

