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Hoshiar Singh Yadav Writer

Horror Romance Classics

4  

Hoshiar Singh Yadav Writer

Horror Romance Classics

तुझसे बिछडऩे का डर नहीं

तुझसे बिछडऩे का डर नहीं

2 mins
315


1.शाकी

बहुत निभाया साथ शाकी,

बेच बेच घर पी ली शाकी,

देख अब मेरा ना घर कहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


2. छाया

समय का फेर चला है ऐसा,

छोड़ चुके सब अपने साथी,

कोई देता जग में साथ नहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


3 दुश्मन

बहुत सताया दिन रात तुमने,

फिर भी माफ किया है हमने,

जब तुमसे मिला आंसू बही,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


4 बुराई

उम्र ढल रही है इंसान की,

फिर भी बुराइयां दिल कैद,

बहुत बातें आती याद वही,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


5 गम

खूब पी लिया खून भी मेरा,

फिर भी साथ नहीं छूटा तेरा,

गम दिल को नहीं लगे सही,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


6. यादें

बैठा करता हूं जब आराम,

यादों के सिवाय नहीं काम,

यादों का कोई हिसाब नहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


7. दुख दर्द

भाग्य का एक फेर हो ऐसा,

दुख दर्द मिलता कहीं वैसा,

परेशान करे कोई और नहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


8. चुगली

जीवन मिला था हमें सच्चा,

चुगली ने कर दिया कच्चा,

चुगली नहीं कोई दूध दही,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


9. असत्य

झूठ बोलके दर्द बढ़ा लिया,

झूठ ने ना कोई भला किया,

झूठ बोलना कभी सही नहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


10 पाप

नरक में ले जाये पाप कर्म,

पाप करो नहीं यह हो धर्म,

पाप बोल बोल आंसू बही,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


11. डर

डर इंसान को मार ही डाले,

डर से हर जन को बचा ले,

डर घर में कभी नहीं सहीं,

तुझसे बिछड़ने का डर नहीं।


12 छोड़ दो

छोड़ दो समस्त बुराइयों को,

जन हो जाते अंदर से खाली,

बहा दो बुराइयों को ही कहीं,

पाप से बिछड़ने का डर नहीं।


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