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Shubham Amar Pandey

Horror Tragedy Crime

4.2  

Shubham Amar Pandey

Horror Tragedy Crime

एसिड अटैक

एसिड अटैक

1 min
511


वो बूंदें कैसी थी

जो जीवन हरने वाली थी,

कली है जो इस फुलवारी की

उसका अस्तित्व मिटा देने वाली थी,

वो बूंदें कैसी थी जो जीवन हरने वाली थी।

 

वो बूंदें कैसी थी

जिसके स्पर्श मात्र से

धरती भी थर्राई थी,

वो बूंदें कैसी थी

जिससे पूरी की पूरी

फुलवारी कुम्हलाई थी।

 

वो बूंदें कैसी थी

जिन पर दर्पण भी

शोक मनाता है,

वो बूंदें कैसी थी

जिनके आगे एक

पिता भी बेबस हो जाता है।

 

वो बूंदें कैसी थी

जिसने माँ के आँचल

को भी शापित बना दिया,

वो बूंदें कैसी थी

जिसने इक जीवन को

मृत्यु की शैय्या पर लिटा दिया।

 

वो बूंदें कैसी थी

जिसने इक नन्ही गुड़िया

का बचपन छीन लिया,

वो बूंदें कैसी थी

जिसने इक युवती से उसका

मधुरिम यौवन छीन लिया।

 

वो बूंदें कैसी थी

जिसके आगे हर सपना

चकनाचूर हुआ,

वो बूंदें कैसी थी

जिससे जो अपना था

वह दूर हुआ।

 

वो बूंदें कैसी थी

जो तूफानों से भी

ज्यादा घातक थी,

वो बूंदें कैसी थी

जो सुखमय जीवन

में पावक थी।

 

जब ऐसी कोई घटना

स्मृतियों में आती है,

मन मेरा कुंठा से भर जाता है,

बेचैनी अंदर ही अंदर

एक प्रश्नचिन्ह लगाती है कि

ये द्रव्य जिसे हम अम्ल, एसिड

तेजाब कहते हैं,

क्यों ये बिकने पाता है,

इसको भी क्यों

पाप नहीं समझा जाता है


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