किसकी जीत
किसकी जीत
यूक्रेनरूसइज्राईलफिलिस्तीन
कभी दूर कभी पास
……. पर भोगोलिक पढोसी
कौन विजयी होगा
कौन नहीं॥
ना ख़ुदा को पता
ना ईसा को पता
ना दूसरे किसी को!
हमने ही स्वरूप दिया
उन सब को
उनको नाम दीये
उनकी लीलाओं में रचे बसे॥
बस नहीं चाहा
तो उनकी रूह को॥
मारो काटो
जीओ और जीने दो
…. ये नहीं सीख पाये!
क्या जंगली बना रहना ही अच्छा होता॥
क्या बुद्ध की सोच प्रणाली को कभी
आत्म सात करना होगा
इस भाग दौड़ में लगी दुनिया को॥
प्रकृति को निगल गया
जानवरों को ग़ायब कर दिया
अब मानव का ही तो नम्बर है,
खुद को विलीन करने का
सब में॥
उकसाते देश
महास्वार्थी हैं॥
विनाश तो उनका हो रहा है
सब बकझक करते देख रहैं हैं॥
भूकम्प -अपने काम में व्यस्त हैं _आये दिन॥
देशों की मैं- अपने विस्तार या बचाव में व्यस्त हैं॥
विकास के कदम -मानव जीवन लीलने में व्यस्त हैं,
सड़कों पर, फ़ैक्ट्रीयों में॥
नयी नये विषाणु -अपने तरीक़े से लीलते है मानवों को॥
फिर बहुतेरे डाक्टर भी कम नही॥
और ये सब देख देखते दुखी रहना
हमारी नियति
बनती जा रही है॥