कौन बचेगा~ घनघोर कलयुग में
कौन बचेगा~ घनघोर कलयुग में
सांसद भी नहीं॥
गला दबाकर हत्या,
खाल उतारी शव से,
मांस हटाया कंकाल से,
मांस का कीमा, कंकाल के टुकड़े
वीभत्सता की घनघोरता।
करने वाला जिहाद कसाई
हुआ हलाल-अनवारुल अज़ीम अनार॥
कलकत्ता की गलियों मे॥
दिल्ली राजधानी
शीश महल में झांके
स्वाति मालीवाल
घूँसा लात
माहवारी के दौर
में भी झेलने पड़े
सरे आम खुले आम
सुबह सवेरे
गुड मोरनिंग
वीभत्स बन गयी
मारने वाला उसका अपना
पार्टी वाला॥
विभव जेल में है॥
वाह री राजनीति”
अब केजरीवाल विभव के सलाख़ों के पीछे
का राग अलाप रहे है, चुनाव चर्चा में॥
कल तक वो खुद चर्चा में थे सलाख़ों के पीछे
स्वाति मालीवाल की परिचर्चाओं में॥
ज़िन्दगी के ये घिनोनेपन हैं
घिनौनी सत्तालोभी राजनीति के!