प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
राम लला के बहाने नये नये
कभी कभार के शब्द॥
नव्य दिव्य भव्य.
अचल विग्रह
रजत विग्रह ।
अरणि मंथन
अलौकिक-विश्वास-लोक आस्था।
विग्रह की प्रभावली
मत्स्य , कूर्म,वराह,नृसिंह , वामनावतार
परुशराम ,राम,कृष्ण ,बुद्ध , कल्किवतार।
बड़ी देवकाली-छोटी देवकाली ॥
वेदपारायण, देवप्रबोधन,औषधाधिवास
केशराधिवास,घृताधिवास, कुंणपूजन
पंच भूसन्सकार॥
प्रधान देवता, राजाराम, भद्र, श्रीरामयन्त्र, पीठ देवता।
वारुण मंणल, योगिनी मंडल, क्षेत्रवाद मंडल।
शर्कराधिवास, फलाधिवास॥
उज्जैन से पाँच लाख लड्डू
धर्मपथ, रामपथ, भक्तिपथ पर
एक लाख कुन्तल फूलों के साथ
कन्नौज का इत्र।
400 किलोई अलीगढी ताला
जलेसरी घुंघरू, मथुरिया पेड़े
आगरा से पेठे॥
कर्नाटक का पत्थर
पूना से विग्रह का स्कैच ।
सब का सब
सरयू के तट पर॥
बीते सालों में थे
कारसेवक, पैरवी, रामलला, विवादित ढाँचा
बाबरी मस्जिद, लाठीचार्ज, गोलीचार्ज
क्या क्या
कालचक्र दिखाता सुनाता
और बुनता है॥
