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आसान था यूँ समझाना।
शायद समझ गये हों॥
आजकल का ज्वलन्त
इलाक्शन बौन्ड ॥
कितनी छीछालेदर होगी
सब सत्तारूढ़ दलों की
.. अगर वो सत्ता में रहे थे॥
एक दूसरे की उतारने में लगे हैं,
कल जब चिट्ठा आ जायेगा
सब शांत होंगे,
लम्बे चलने वाले निर्वाचनों को सम्भालने॥
क्या सुप्रीम कोर्ट कुछ
नया करने वाला है
कुछ सुधार की उम्मीद करें
मेरा तो दिमाग़ ही घूम जाता है॥
जब ये सब सोचने लगता हूँ॥
नेतृत्व से ही राष्ट्र बनता है
बड़ा, यशवान और प्रभावी
जैसे भारत आज बनता दिख रहा है॥
नेतृत्व से ही राष्ट्र बनता है
डूबता बिखरता कमजोर
जैसे पाकिस्तान ।
शायद मोदी
टोटली भ्रष्टाचार मुक्त करदें
भारत की अगली लोकतांत्रिक किश्त में॥
उम्मीद की एक किरण
में योगी मोदी में देखता हूँ॥
तब कहाँ ज़रूरत होगी
ऐसे बोन्ड्स की
वैसे नेताओं की
वैसी राजनीतिक पार्टियों की
जब आम ज़िन्दगी में
न्यूनतम गवर्नेंस होगी॥
सब साफ़ सुथरा होगा
रामराज्य जैसा॥
