रंग नीला - सागर किनारे
रंग नीला - सागर किनारे
सागर किनारे,
गीली रेत पर कई कदमों के निशान,
कुछ बिछड़े हुए से,
कुछ संग संग चलने वाले..
लहरों की हल्की चादर सागर ने बिछा दी...
ढांक कर छुपा लिया उन कदमों को अपनी आगोश में...
न जाने कितना कुछ समाया है,
इस चादर के तले ...
कुछ दर्द के किस्से,
कुछ मीठी मीठी बातें,
कुछ खूबसूरत सपने,
कुछ टूटी बिखरी यादें ,
और कुछ बदमाश बच्चों की शैतानियां..
क्या कुछ नहीं समा लिया, अपनी आगोश में ....
सारे रंग नजर आते हैं ,
जब सूरज ढलने लगता है...
सागर किनारे...