दर्द
दर्द
दर्द का ज़ख़ीरा मैंने दिल मे छुपाया है,
लाखों गम सजाकर भी दिल मुस्कुराया है।
इतनी आसानी से हार नही मानती मैं,
जिंदगी तेरे होने का कर्ज चुकाया है।
हर तरफ आँसू है ,दर्द है ,तकलीफ है,
मगर मैंने तो मुस्कान को लुटाया है।
कभी कमजोर न पड़ जाए मेरा वजूद,
इसलिए हौसलों को संग रहना सिखाया है।
मेरी हिम्मत ही सदा से साथी रही है,
इसने दामन नही कभी छुड़ाया है।
लाख काँटे राहों में आते हैं अक्सर मेरे,
मैंने काँटों से फूलों को सदा बचाया है।
जिंदगी आ जी भर कर गले लगा ले तुझे,
कौन जाने कब मौत ने गले लगाया है।
