STORYMIRROR

bhawana Barthwal

Abstract

4  

bhawana Barthwal

Abstract

नारंगी

नारंगी

1 min
388

मै हूं नारंगी रंग

चटक थोड़ा तीखा

हूं हिन्दुत्व की पहचान

हां श्रीराम की धाक है जिसमें

सीना गर्व से चौड़ा कर देता नारंगी रंग


भगवा नाम से ज्यादा प्रचलित हूं

हनुमान जी के माथे का तिलक हूं

औरत के मांग का सिन्दूर मै ही हूं

हां मै नारंगी हूं।

नये सवेरे का प्रतीक हूं


ज्ञान का सूचक हूं

अन्धरे का चीर हरण करता नारंगी रंग

अपवित्रता को पवित्रता की ओर ले जाता नारंगी रंग।

आध्यात्मिकता का प्रतीक

 

उर्जा और प्रेरणा देता नारंगी रंग

बुद्धि से दे गौरव है ऐसा नारंगी रंग

दयालुता को देता बल

ये नारंगी रंग।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract