मानवीय मूल्यों की माला
मानवीय मूल्यों की माला
मानव जीवन अगर है जीना
मूल्यों को रखना होगा आगे
आत्मा को करना होगा तर
सम्मान है किसी को देना
थोड़ा तो झुकना होगा
बचपन से मां सीख है देती
पर कहाँ कितना और कब
ये तो जीवन पथ पर सीखने का मौका है मिलता।
पर कई बार दिल है छलनी होता
दूसरों के सम्मान के खातिर अपना आत्म सम्मान को खोना होता है।
बेशक मूल्यों के मान के खातिर
कुछ तो मान मनुष्य को मनुष्य का प्रति रखना होगा।
