STORYMIRROR

bhawana Barthwal

Inspirational

4  

bhawana Barthwal

Inspirational

ये लड़कियां

ये लड़कियां

1 min
375

ये किसकी लड़कियाँ हैं

संस्कारों का क्या अच्छा मजाक बनाया है

पढ़ लिख कर ये कौन सी डगर जा रही हैं

ये किस पर अपनी जिन्दगी का दाव खेल रही हैं

घर की रौनक जिसे हम कहते रहे 

वो मन चलों के चुगल में फंसी जा रही हैं

जरा सुनो क्या सपनों की उड़ान का दायरा

यही तक था क्या।

दो दिन के प्यार के ख़ातिर अपने तन की बलि दे दी।

अपने संस्कारों का अपने धर्म को सरेआम नीलाम कर दिया।

अभी भी होश में आओ यों अपनी संस्कृति का 

मजाक मत बनाओ।

मां बाप के दिये संस्कारों पर अमल करो

अपने आत्म सम्मान का जरा तो ख्याल करो।

सुनो अपने उड़ान की डगर पर पंख फैलाओ

पर पंखों की उड़ान की डोर किसी और के

  हाथ में मत पकड़ा दो।

चीलों की इस बस्ती में घोंसले को जरा निगरानी में रखो।

  घरों में घात लगाये बैठे दानव हुए मद में चूर

हे रघुवीर दानवों का करने सर्वनाश 

अब धरती पे आओ नाथ

द्रोपदी की लाज बचाने के खातिर हे नाग नचाया

 अब फिर धरती पर आना ही पड़ेगा।

 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational