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Surendra kumar singh

Abstract

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Surendra kumar singh

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हम

हम

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हम सीधे साधे भारतीय

ईश्वर में आस्था रखते हुये

अपने कर्म में तल्लीन रहे।

जब जब हम पर संकट आये

नये नये रूप में परमात्मा आये,

ठीक ठीक इसी तरह

जैसे युद्ध के जाल में

फंसी हुयी दुनिया को

दुनिया की महाशक्तियों को

भारत की याद आयी है।

बेहतर होता हम अपनी सम्प्रभुता

बचाये रखते,

और किसी की सम्प्रभुता में

हस्तक्षेप नहीं करते।


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