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Jyoti Astunkar

Horror Crime Thriller

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Jyoti Astunkar

Horror Crime Thriller

वो सड़क

वो सड़क

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अंधेरी रात के साए में सुनसान ये सड़क,

चांद की धुंदली रौशनी में चमकती वो बूंदे,

अभी अभी तो गुजरी है वो यहां से,

ना जाने कितनो की उम्मीदें और खुशीयां लेके,


अंधेरी रातों में जब तेज़ बारिश होती है,

जाने उस तूफान में क्या क्या ले आती है,

हवा को चीरते हुए उड़ते वो बादल,

चांद की रोशनी को ढकते वो काले बादल,


आखिर इन सड़कों ने जाने क्यों पनाह दी है,

उसे यहां रखकर, दूसरों को ज़िन्दगी बर्बाद की है,

देर रात के अंधेरे में कोई थका हुआ सा लौटता है,

और दिनभर के बाद उसका समय अब शुरू होता है,


सड़क पर आती हुई कोई आहट,

जैसे उसे कुछ एहसास दिलाती हो,

किसी के सामने आते ही जैसे,

उसमे एक शैतान जगाती हो,


कुछ तो राज दफ़न है इन सड़कों में,

कोई तो बुरा वक्त है गुज़रा इन अंधेरों में, 

रात के साए में एक सफेद साया है,

जाने कितने शरीरों को इसने एक साया बनाया है।


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