हमारी दोस्ती
हमारी दोस्ती
तुम ना, बस याद आते हो यार
रोजाना के किस्सों में
छोटी मोटी बातों में
राहों पर चलते हुए
कहीं भी किसी वक्त
बस यूं ही चले आते हो,
क्या तुम्हें इस बात का इल्म है?
अभी कुछ देर पहले ही मिले थे
रास्ते के किनारे पर दिखे
पर बस मुस्कुराकर निकल लिए
ज़रा रुककर दो बातें ही कर लेते
तुम ना, बस याद आते हो यार,
कोशिशें कर ली हमने
वर्तमान में जीने की
समय जो बीत गया
उसे बार बार न बुलाने की
रह रहकर लम्हे प्यारे से
आंखों से उतर आते हैं धीरे से,
तुम ना, बस बहुत याद आते हो यार।