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Jyoti Astunkar

Romance

4  

Jyoti Astunkar

Romance

एक मसला

एक मसला

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एक मसला हुआ करता था दिल का,

लाख सुलझाने की कोशिश करो,

पर कमबख्त सुलझता नही था,

एक मसला हुआ करता था दिल का,


रातों में पलकों का भारी होना,

कहीं गुम सा हो चला था,

बत्ती के बंद होते ही,

उजाले का एहसास होने लगा था,


दिनभर की मसलूफियत के बाद,

सुकून भरी रात हुआ करती थी,

जब दुनियां सो जाया करती थी,

हमारी तुमसे मुलाकात हुआ करती थी,


काश की तुम बस खयालों में नहीं,

हकीकत में मिल जाया करती,

कोई मसला ही ना होता ज़हन में,

और बस तुम होती मेरी ज़िंदगी में।



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