काउंट- ड्रैकुला
काउंट- ड्रैकुला
भैया संग छुपकर,
मूवी डरावनी देखी
माँ-पापा सो रहे बेखबर
निद्रा उन पर हावी थी
देर तक देखा न गया
भोला मन दहल गया
उन दृश्यों से,
चढ़ी कंपकंपी
सिहर उठी थी
नन्ही रिन्नी
मूवी में काउंट- ड्रैकुला
करता था रक्तपान
भूतिया चीखों से
थर्रा जाता श्मशान
दानव थे अब तक
महज दादी के किस्सों में
बाल धारावाहिकों के
गिने चुने हिस्सों में
कच्चे दिल ने पाया
घाव बहुत गहरा था
एक दिन, जब टी.वी. पर
मिन्नी का चेहरा था
कक्षा में मिन्नी ही
साथ-साथ रहती थी
'कट्टी' और 'मिट्ठी' की
होड़ लगी रहती थी
बार-बार उसका हुलिया
दोहरा रहे थे
न्यूज वाले अंकल
उसे गुमशुदा बता रहे थे
मिन्नी को पुलिस अंकल
ढूंढकर ले आए थे
माँ-पापा, बात यह
ऊससे रहे छिपाये थे
मिन्नी स्कूल में
टी.सी. लेने आई थी
रिन्नी को देख वह
बेतरह कतराई थी
रिन्नी ने उन पथराई
आँखों में झांका था
क्या किसी काउंट-ड्रैकुला ने
मिन्नी को काटा था?!

