दूल्हे की तलाश
दूल्हे की तलाश
मुकेरा गाँव में जब किसी की शादी होती हैं तो वहाँ के लोग खुश होने के बजाए डरने लागते हैं। वहाँ कभी भी किसी की सादी होती हैं तो गाँव में किसी ना किसी की मौत भी होती ही हैं। कहते हैं यहाँ जब भी किसी की शादी होने वाली होती हैं तब एक दुल्हन की आत्मा यहाँ घूमने लगती है ।
दिलीप आज शुबहा ही अपने दोस्त विनीत के गाँव आया हैं क्यूंकि पाँच दिन बाद विनीत की शादी होने वाली थी शुबहा से दिलीप विनीत के घर में बैठे बैठे उब सा गया था और तभी दिलीप विनीत से बोलता हैं - भाई कबसे यहाँ बैठे हैं कम से कम तू मुझे अपना गाँव ही घुमादे - विनीत समझ गया था की ये यहाँ बैठे बैठे उब गया हैं इसलिए विनीत भी हाँ बोल देता हैं और अपने घर से बाहर जाने लगता हैं दोनों को बाहर जाता देख विनीत की मम्मी बोलती हैं - कहाँ जा रहे हो बेटा तुम दोनों इस समय -
विनीत अपनी मम्मी की बात का जवाब देते हुए बोलता हैं - कही नहीं मम्मी बस दिलीप को अपना गाँव घुमाने ले जा रहा हूँ - विनीत की मम्मी बोलती हैं - ठीक हैं पर रात होने से पहले आ जाना तुझे तो पता ही हैं अपने गाँव के बारे में - विनीत जवाब देते हुए बोलता हैं - हाँ मम्मी मुझे पता हैं - इतना बोलकर विनीत दिलीप को अपना गाँव घुमाने चला जाता हैं।
विनीत का गाँव काफ़ी बड़ा और सुन्दर गाँव था। काफ़ी चहल पहल थी उस गाँव में दिलीप को भी काफ़ी मज़ा आने लगा था तभी विनीत के फ़ोन में उसकी मम्मी का फ़ोन आया। विनीत दिलीप से बोलता हैं यार तू गाँव घूम मुझे कुछ काम हैं मैं घर जा रहा हूँ और तू रात होने से पहले घर आ जाना। दिलीप हाँ में अपना सर हिलाता हैं और आगे बढ़ जाता हैं दिलीप गाँव घूमते हुए काफ़ी आगे निकाल आया था और अब थोड़ा-थोड़ा अंधेरा होने लगा था अब दिलीप भी घर जाने को चलता हैं पर वो रास्ता भूल गया था।
दिलीप विनीत से रास्ता पूछने के लिए अपना फ़ोन अपनी जेब से निकालता हैं और अपनी किस्मत को कोसते हुए बोलता हैं - यार एक परसंड बेटरी बची हैं काश बात होने के बाद ही फ़ोन स्विच ऑफ़ हो - ये बोलकर दिलीप विनीत को फ़ोन करने लगता हैं दूसरी ओर से विनीत फ़ोन उठाकर गुस्से में बोलता हैं - अबे यार कहाँ हैं तू अभी तक गाँव में रात को घूमना सही नहीं हैं - दिलीप विनीत की बात का जवाब देते हुए बोलता हैं - भाई पहले मेरी बात तो सुनले मैं यहाँ - दिलीप ने इतना ही बोला था तभी दिलीप का फ़ोन स्विच ऑफ़ हो जाता हैं
दिलीप फिर आगे जाने लगता हैं और सोचता हैं कही से अभी रास्ता पूछ लूंगा यही सोचते हुए दिलीप आगे तो बढ़े जा रहा था पर उसे कोई नहीं दिखता दिलीप को ये देख कर बड़ी हैरानी होती हैं क्यूंकि तभी थोड़ी ही देर पहले इस गाँव में काफ़ी चहल पहल थी पर अब पुरे गाँव में सन्नाटा सा छा गया था अब दूर दूर तक कोई नहीं नजर आ रहा था दिलीप इधर उधर चले ही जा रहा था पर वो विनीत के घर का रास्ता नहीं ढूंड पा रहा था रास्ता ढूंडते हुए दिलीप को अब लगभग दो-तीन घंटे हो गए थे। दिलीप भी अब थक सा गया था तभी उसकी नजर उसके सामने एक लड़की खड़ी थी जिसने दुल्हन के जैसे कपडे और वो उसे देख कर मुस्कुरा रही थी।
वो लड़की दिलीप के पास आकर बोलती हैं - आ गए आप अब मेरे साथ चलिए - इतना बोलकर वो लड़की दिलीप को अपने साथ ले जाने लगती हैं दिलीप कुछ समझ नहीं पा रहा था वो बस एक बुद्ध बना उसके साथ चले जा रहा था। वो लड़की दिलीप को एक सेहरा पैन्हा देती हैं। और उसको एक गड्ढे एक पास लेकर जाती हैं जहाँ उसने देखा कई सारे कटे हुए सर पड़े थे और उन सबने दूल्हे के सेहरा बांधा हुआ था।
दिलीप यह देखते ही वहाँ से भागने लगता हैं। दिलीप लगातर भागे ही जा रहा था और तभी वो एक ही जगह पर रुक जाता हैं। वो इसलिए रुका था क्यूंकि उसके सामने बिना सर वाले लोग खड़े थे। और उन सबने दूल्हे के कपडे पैहने थे वो वही लोग थे जिनके सर उस गड्डे में पड़े थे दिलीप उनसे बचने के लिए अपने पीछे की ओर भागने को जैसे ही मुड़ा तो उसकी सांसे रुकने लगी थी। उसने देखा उसके सामने वही लड़की खड़ी थी और उसके पास दूल्हे के कपडे थे और वो धिरे धिरे उसके ही पास आते जा रही थी। और वो सभी बिना सर वाले लोग भी उसके ही पास आते जा रहे थे।
तभी दिलीप जहाँ खड़ा था वहाँ अचानक से तेज रौशनी हो गई थी दिलीप ने देखा वो जिस खम्भे नीचे खड़ा था उस खम्भे की इस्टीट लाइट चलने के कारण ही वहाँ तेज रौशनी होने लगी थी। तभी दिलीप यह नोटिस करता हैं जब से वहाँ रौशनी हुई तब से ही वो लड़की और वो सभी बिना सर वाले लोग वही रुक गए थे और दिलीप भी यह समझ चूका था अब उसे बचना हैं तो उसे वही रुकना होगा। और दिलीप उस ही खम्भे के नीचे ही खड़े हो कर पूरी रात निकाल लेता हैं।
दिलीप जब विनीत घर आकर सारी बात बताता हैं तब विनीत की मम्मी दिलीप से बोलती हैं - वो दुल्हन की आत्मा इस गाँव में कई सालो से हैं कहते हैं उस लड़की की जिस दिन शादी होने वाली थी उस ही दिन उसका क़त्ल किसी ने कर दिया था। और वो जब भी इस गाँव में किसी की शादी होती हैं तो किसी ना किसी की जान जरूर लेती हैं और तुम इस लिए ही बच पाए थे क्यूंकि जिस कम्भे के नीचे तुम खड़े थे उसमे सफ़ेद रौशनी देने वाले एल ई डी लाइट लगी थी और यह कहते हैं कोई भी बुरी शक्ति सफ़ेद रौशनी में नहीं आ सकती।

