रहस्यमयी दुनिया
रहस्यमयी दुनिया
अंधियारे रात में उस दिन हम,
एक घटना हुई हमारे साथ।
हम दो दोस्त के अलावा,
कोई नहीं था आस पास।
राही थे हम भटके हुए जो,
एक बंगले में जा पहुंचे।
सन्नाटा था चारों तरफ,
शायद सब थे सो चुके।
उस अंधेरे में से एक परछाई,
हमारी तरफ आ रही थी।
हरकतों से लगता था कि,
वो हमें भगा रही थी।
आत्मा भटक रही थी वहाँ,
जो हमारे आर पार जाने लगी।
डर से कांप रहें थे हम,
वो और हमें डराने लगी।
बच कर निकल गए हम,
आज भी वो रात याद है।
खुदा ना करे फिर हो ऐसा,
यही हमारी फरियाद है।
बहुत कुछ छिपा है यहाँ,
जाने क्या किसने किया है,
हमारी दुनिया से अलग भी,
एक रहस्यमयी दुनिया है।