STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Horror Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Horror Inspirational

भय से मुक्ति

भय से मुक्ति

2 mins
342

ग़ाज़ा पट्टी का संघर्ष यह ख़ूनी,

और भयानक कोरोना की लहर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


मौत का साया चहुं दिशि है छाया,

प्रभु समझ न आती है तेरी माया।

संदेश बॉक्स खोलने का न साहस,

मन होता भयभीत फोन बजने पर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


टी. वी पर देखकर युद्ध के नज़ारे,

ढहते घर और ज़नाज़ों की कतारें।

आज रोती-बिलखती है मानवता,

शांति ही मांगती है चीख-चीख कर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


दो समुदायों के मध्य में तनाव बना,

जो इजरायल-गृहयुद्ध का कारण बना।

एक शताब्दी से और काफी पहले से ही,

हुए थे पहले भी युद्ध दिखा उनका असर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


सकल जगत में प्रलय ला रहा है कोरोना,

और यह आर्य भूमि आज है बड़ी विकल।

संक्रमण फैल गया है अब गांव-गांव में,

टूट पड़ा है मौत बन अति निर्बलों पर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


म्यूकोरमाइकोसिस एक नये रोग का है प्रकार,

अनियंत्रित मधुमेह स्तर वालों पर करता वार।

बुखार, दर्द सिर- सीने-नाक-जबड़े में हो सके,

पोस्ट कोविड रोग की अस्सी प्रतिशत मृत्यु-दर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


प्रभु इस गहन तिमिर में है चहुं ओर घोर निराशा,

बचाव प्रयासों को तू सफल करेगा है यह आशा।

हे प्रकाश के स्वामी! किरण पुंज से तम हर लो,

हम भयभीत हैं सारे, दया-दृष्टि प्रभु अब दो कर।

कृपा निधान कृपा करो हम सब पर,

प्रभु अब तो लगता है बहुत हमें डर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama