मजदूर नेता
मजदूर नेता
मजदूरों के नेताजी
मजदूरों से लेता जी
भाई-भतीजों को काम दिलवाओ
चमचों को प्रमोशन दिलवाओ
मजदूरों में फूट डालो जी
डालो फूट और और दुकान लगाओ
दुकान लगाओ और खोमचा सजाओ
गरज पड़े सौ बार तो
आओ पैसा देकर काम करवाओ
इन्क्रीमेंट हो या प्रमोशन
चार्जशीट हो या डिमोशन
लाख दुखों की एक दवा है
जो मांगोगे वही मिलेगा
ऐसा जादुई चमत्कार है
क्योंकि, राजनीति में इनकी पहुँच है
चुनाव में हजारों वोट इनकी जेब में है
नेताजी का बाल न बांका होता है
नेताजी की तमाम सेवाओं में स्वार्थ का टांका होता है।